रणनीतिक रूप से इस कारण महत्वपूर्ण थी प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा

पीएम नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा खत्म हो चुकी है और वो वापस दिल्ली लौट आए है

पश्चिम देशों को संकेत मिला कि भारत नहीं चाहता कि चीन भविष्य में एंग्लो-सैक्सन शक्तियों के लिए कमजोरी बन जाए

भारत उच्च तकनीक वाली बुनियादी ढांचागत तकनीक और सर्दियों के उपकरण जुटाने के लिए एक गैर-नाटो शक्ति को शामिल करने के लिए तैयार था

प्रधानमंत्री मोदी भारत के हित में साहसिक कूटनीतिक कदम उठा रहे हैं क्योंकि देश इस दशक में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है

पश्चिमी शक्तियों, पाकिस्तान और चीन के विशाल खुफिया तंत्र द्वारा आंतरिक विरोधियों से निपटने के लिए आंतरिक सुरक्षा और काउंटर-इंटेलिजेंस को मजबूत करना होगा

भारतीय विपक्ष द्वारा उठाए गए कदम के बाद पीएम मोदी के लिए का करना और मुश्किल हो गया है

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