मातम और इबादत का महीना Muharram शुरू

इस्लाम के सबसे महत्वपूर्ण महीनों में से एक 'मुहर्रम' शुरू हो गया है और इसके साथ ही इस्लामी नया साल भी शुरू हो गया है

यह महीना पैगंबर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है

इसलिए मुसलमान इस महीने को खुशी और जश्न के साथ नहीं बल्कि मातम, जुलूस और गम के साथ मनाते हैं

ऐसा माना जाता है कि इमाम हुसैन ने इस्लाम की रक्षा करते हुए कर्बला की लड़ाई में अपनी जान कुर्बान कर दी थी

इसलिए उनकी कुर्बानी की याद में मुहर्रम में शिया मुसलमान मातम मनाते हैं, जुलूस निकालते हैं और मातम मनाते हैं

पूरे मुहर्रम में शिया समुदाय के लोग शोक मनाते हैं, मजलिस पढ़ते हैं और काले कपड़े पहनकर अपना दुख जाहिर करते हैं

वहीं, सुन्नी समुदाय के लोग इबादत करते हैं, रोजा रखते हैं और नमाज अदा करते हैं

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