तबले को नई पहचान देने वाले उस्ताद जाकिर हुसैन ने दुनिया को कहा अलविदा

जाकिर हुसैन का फेफड़े से संबंधी 'इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस' बीमारी के कारण अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में निधन हो गया

भारत और विदेश में जाना-माना नाम हुसैन अपने पीछे 60 साल से ज्यादा का संगीत अनुभव छोड़ गए हैं

रागों की ताल और लय के साथ तबले पर कभी थिरकती, कभी तैरती जाकिर हुसैन की उंगलियां संगीत का एक जादू सा पैदा करती थीं

वह केवल तबला वादक ही नहीं, तालवादक, संगीतकार और यहां तक कि अभिनेता भी थे

हुसैन ने सात साल की उम्र में अपना पहला संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया और 12 साल की उम्र में ही संगीत कार्यक्रम करने लगे

मुंबई में जन्मे हुसैन अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद 1970 में अमेरिका चले गए

हुसैन 66वें वार्षिक ग्रैमी पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत एल्बम, सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत प्रदर्शन और....

....सर्वश्रेष्ठ समकालीन वाद्य एल्बम के लिए तीन ग्रैमी पुरस्कार प्राप्त करने वाले भारत के पहले संगीतकार बने

Gold Digger के लेबल पर Dhanashree Verma ने ली चुटकी

Trolling पर Avneet Kaur ने कहा, मैं इन सब पर ध्यान नहीं देती

भारतीय दुल्हन से उसके शादी वाले दिन मिलने पहुंचे Justin Bieber

Webstories.prabhasakshi.com Home