PM Modi ने वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट में ग्लोबल साउथ देशों के बीच एकता का आह्वान किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकासशील देशों, खासकर खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर वैश्विक अनिश्चितताओं के प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है।

उन्होंने तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में बोलते हुए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में इन देशों का समर्थन करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

पीएम मोदी ने कहा कि जबकि दुनिया अभी भी कोविड-19 के प्रभावों से उबर रही है, चल रहे भू-राजनीतिक तनावों ने कई देशों के विकास पथ को और जटिल बना दिया है।

उन्होंने कहा, "हम न केवल जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, बल्कि स्वास्थ्य, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं हैं।"

प्रधानमंत्री ने बढ़ते तकनीकी विभाजन और तकनीकी प्रगति से संबंधित नई आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों के उभरने पर प्रकाश डाला।

मोदी ने मौजूदा वैश्विक शासन और वित्तीय संस्थाओं की आलोचना करते हुए कहा कि वे 21वीं सदी की चुनौतियों का समाधान करने में विफल रहे हैं।

उन्होंने कहा, "वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट एक ऐसा मंच है जहां हम उन लोगों की जरूरतों और आकांक्षाओं को आवाज देते हैं जिनकी अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।"

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