नीरज चोपड़ा इतिहास में ऐसे पहले जेवलिन थ्रो एथलीट बने जिन्होंने 90 मीटर का आंकड़ा पार किया हो।
नीरज ने दोहा डायमंड लीग 2025 में 90.23 मीटर दूर भाला फेंककर इतिहास रचा था, जो उनके करियर का बेस्ट थ्रो भी है। बावजूद इसके उन्हें कोई मेडल नहीं मिला।
दरअसल, नीरज चोपड़ा ने अपने पहले थ्रो में ही 88.44 मीटर दूर भाला फेंकते हुए लीड हासिल कर ली थी। उनका दूसरा थ्रो फाउल रहा, लेकिन तीसरे थ्रो में उन्होंने 90.23 फेंककर इतिहास रचा।
मेडल क्यों नहीं मिला?
वहीं डायमंड लीग में मेडल दिए जाने का कोई नियम नहीं है। डायमंड लीग में 14 अलग-अलग इवेंट करवाए जाते हैं। जहां 16 अलग-अलग खेलों में महिला और पुरुष एथलीट भाग लेते हैं। पहले तीन स्थानों पर रहने वाले एथलीटों को कोई मेडल नहीं मिलता बल्कि पॉइंट्स मिलते हैं।
इवेंट के आखिरी पलों तक नीरज पहले स्थान पर चल रहे थे, लेकिन जर्मनी के जूलियन वेबर कुछ और ही ठान कर आए थे। जूलियन वेबर ने अपने आखिरी प्रयास में 91.06 मीटर दूर भाला फेंकर गोल्ड अपने नाम किया।
वहीं नीरज को दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा जबकि तीसरे स्थान पर ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स रहे जिन्होंने 85.64 मीटर दूर भाला फेंका था।
बता दें कि, पेरिस ओलंपिक्स में गोल्ड मेडल विजेता रहे पाकिस्तान के अरशद नदीम ने इस इवेंट में भाग नहीं लिया था वो एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप की तैयारियों में जुटे हैं।