चुनाव की स्याही के बारे में जानें रोचक बातें
लोकसभा चुनावों में हर मतदाता की उंगली पर स्याही लगाई जाती है जो कई दिनों तक नहीं मिटती
ये कंपनी कर्नाटक सरकार की है, जिसकी नींव वर्ष 1937 में रखी गई थी
इस स्याही का पहली बार उपयोग 1962 में फर्जी वोटिंग रोकने के लिए हुआ था
देश भर में सिर्फ इस कंपनी को ही पक्की स्याही बनाने की अनुमति है
इस पक्की स्याही को मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड कंपनी बनाती है
कंपनी भारत के अलावा 25 देशों में स्याही एक्सपोर्ट करती है
कंपनी की एक शीशी में 10 एमएल पक्की स्याही होती है जो 700 लोगों को लगाई जाती है
एक शीशी की कीमत 127 रुपये होती है और एक बूंद 12.7 रुपये की होती है
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