सरकार ने पलटा शीर्ष अदालत का फैसला, कहा- संविधान में Creamy Layer जैसी कोई चीज नहीं

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों को लेकर मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि एससी और एसटी वर्ग के आरक्षण पर कोई आंच नहीं आने दी जायेगी।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कहा है कि भीम राव आंबेडकर के दिए संविधान में एससी-एसटी के आरक्षण में क्रीमी लेयर के लिए कोई प्रावधान नहीं है।

मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में एससी और एसटी के लिए संविधान में प्रदत्त आरक्षण के उप-वर्गीकरण को लेकर न्यायालय के फैसले पर विस्तृत चर्चा हुई।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल का यह सुविचारित मत है कि एनडीए सरकार डॉ. आंबेडकर के दिए संविधान के प्रावधानों के प्रति प्रतिबद्ध है।

वैष्णव ने कहा, ‘‘बीआर आंबेडकर के दिए संविधान के अनुसार, एससी-एसटी आरक्षण में ‘क्रीमी लेयर’ के लिए कोई प्रावधान नहीं है।’’

केंद्रीय मंत्री ने इस मुद्दे पर किसी विधायी बदलाव की योजना के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘मैंने आपको कैबिनेट बैठक में हुई चर्चा के बारे में बता दिया है।’’

कानून मंत्री मेघवाल ने कहा था कि एससी-एसटी के उप-वर्गीकरण में क्रीमी लेयर का संदर्भ उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की टिप्पणी है, न कि फैसले का हिस्सा।

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