Mehbooba Mufti के निशाने पर आए पूर्व CJI, कहा- देश की धर्मनिरपेक्ष नींव को हिलाया जा रहा

महबूबा मुफ्ती ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश के एक फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि इसमें देश को विभाजित करने की क्षमता है।

मीडिया को संबोधित करते हुए, उन्होंने बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त की और उन घटनाओं का हवाला दिया जो समुदायों के बीच और कलह पैदा कर सकती हैं।

अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर एक मुकदमे पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि निर्णय दिया गया कि जो भी स्थान संदिग्ध हो उसका सर्वे कराया जा सकता है।

पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का 1991 का फैसला कहता है कि धार्मिक स्थल की 1947 वाली स्थिति को बदला नहीं जा सकता।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने एक ऐसा फैसला दिया जिसके चलते अब तक मस्जिदों में ही शिवलिंग खोजे जाते थे लेकिन अब दरगाहों में भी खोजे जाते हैं।

उन्होंने कहा कि इसके बाद जल्द ही वे मुसलमानों के घरों में तलाशी शुरू कर सकते हैं। वे देश को 1947 की तरह विभाजन और हिंसा की ओर ले जा रहे हैं।

मुफ्ती ने कुछ ताकतों पर भारत की धर्मनिरपेक्ष नींव को नष्ट करने का आरोप लगाया, जिसे स्थापित करने के लिए महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने कड़ी मेहनत की।

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