9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरू हो चुके हैं, इनका समापन नौ दिनों बाद 17 अप्रैल होगा
नवरात्रि के नौ दिनों में देवी शक्ति के नौ अलग-अलग रूप की पूजा-आराधना की जाती है
आज नवरात्रि का दूसरा दिन है और ये दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा और व्रत करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन खुशियों से भर जाता है
बता दें, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में मंत्रों का जाप और स्रोत का पाठ न करने से पूजा असफल होती है
इसलिए पूजा के दौरान मंत्रों का जाप और स्रोत का पाठ अवश्य करना चाहिए
या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। दधाना कर मद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
ब्रह्मचारयितुम शीलम यस्या सा ब्रह्मचारिणी.... सच्चीदानन्द सुशीला च विश्वरूपा नमोस्तुते....।।
तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्। ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥ शंकरप्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी। शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणीप्रणमाम्यहम्॥