आधार और यूपीआई के बाद अब सरकार डिजिटल आईडी लाने की योजना बना रही है
सरकार चाहती है कि हर व्यक्ति के पास डिजिटल आईडी हो, इससे किसी के घर या उसकी लोकेशन का पता बेहतर सटीकता और जल्दी से लगाया जा सकेगा
खास तौर पर सरकारी सेवाओं के मामले में सरकार को यह जरूरी लगने लगा है
इसके लिए सरकार अब लोगों के पते को भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर मैट्रिक्स के अंदर लाना चाहती है
अभी तक देश में ऐसा कोई सिस्टम नहीं है जिसके जरिए इस तरह से किसी का पता लगाया जा सके
इस सिस्टम को डाक विभाग तैयार कर रहा है और इसकी निगरानी सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय करेगा
जल्द ही इसका मसौदा आम जनता के सुझावों के लिए साझा किया जाएगा और अंतिम संस्करण इस साल के अंत तक आने की उम्मीद है
साथ ही संसद के शीतकालीन सत्र में इस संबंध में कानून भी पारित किया जा सकता है
ताकि डिजिटल एड्रेस सिस्टम की देखरेख के लिए एक नया प्राधिकरण स्थापित हो सके