Paris Paralympics 2024: पैरालंपिक के अब तक के 15 मेडल विनर्स, देखें लिस्ट

अवनि लेखरा

शूटर अवनि लेखरा ने भारत को 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 में गोल्ड मेडल दिलाया। अवनि को 11 साल की उम्र में कार दुर्घटना में कमर के नीचे के हिस्से में लकवा मारने की वजह से वह व्हीलचेयर से चलती हैं।

नितेश कुमार

पैरा बैडमिंटन में कुमार नितेश ने गोल्ड जीता। महज 15 साल की उम्र में एक रेल दुर्घटना में अपना बांया पैर खो दिया था। उन्होंने IIT मंडी से इंजीनियरिंग की है। 

सुमित अंतिल

जेवलिन स्टार सुमित अंतिल ने पेरिस में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया। उन्होंने लगातार दो पैरालंपिक में गोल्ड जीता। वहीं सुमित को एक सड़क दुर्घटना में अपना पैर गंवाना पड़ा।

मनीष नरवाल

पेरिस पैरालंपिक 2024 के शूटिंग इवेंट में मनीष नरवाल ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया। जन्म से ही उनके दाएं हाथ में समस्या थी जिसके बाद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

निषाद कुमार

पेरिस पैरालंपिक 2024 में निषाद कुमार ने हाई जंप में सिल्वर मेडल जीता। निषाद जब 8 साल के थे तो चारा काटने वाली मशीन में उनका हाथ आने से वो कट गया। 

योगेश कथुनिया

भारत के योगेश कथुनिया ने मेंस एफ56 डिस्कस थ्रो इवेंट में सिल्वर मेडल जीता है। कथुनिया ने इससे पहले टोक्यो में भी इस इवेंट में सिल्वर मेडल जीता था। महज 9 साल में योगेश गुइलेन-बैरी सिंड्रोम से ग्रसित हो गए थे।


तुलसीमति मुरुगेसन 

बैडमिंटन में 22 साल की तुलसीमति ने भारत को सिल्वर मेडल दिलाया। तुलसीमति को बचपन से ही बाएं हाथ का अंगूठा नहीं है।


सुहास एल यथिराज

2007 बैच के IAS अधिकारी सुहास गोल्ड से चूक गए जिसके बाद उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। 

मोना अग्रवाल

10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 इवेंट में मोना ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। मोना पोलियो बीमारी के कारण बचपन से ही चलने में असमर्थ थीं।

प्रीति पाल

इस पैरालंपिक में दो मेडल जीतने वाली इकलोती एथलीट प्रीति पाल है। जिन्होंने विमेंस 100 मीटर और विमेंस 200 मीटर T35 में ब्रॉन्ज मेडल जीते।

रुबीना फ्रांसिस

शूटिंग में रुबीना फ्रांसिस ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। वह जबलपुर की रहने वाली हैं। उन्हें बचपन से ही रिकेट्स बीमारी है जिससे वह 40 प्रतिशत दिव्यांग हैं। 

मनीषा रामदास 

मनीषा रामदास ने पैरा बैडमिंटन में ब्रॉन्ज मेडल जीता। वह पैरालंपिक में पहला मेडल जीतने वाले भारतीय महिला खिलाड़ी भी हैं। मनीषा जन्म से एर्ब पाल्सी से ग्रस्त हैं। 

शीतल देवी

पैरालंपिक से भारतीय खेल जगत की नई सनसनी बनी शीतल देवी के दोनों हाथ नहीं हैं। वह पैरों से तीर चलाती है। उन्होंने राकेश कुमार के साथ मिलकर आर्चरी के मिक्स्ड में ब्रॉन्ज मेडल जीता। 

राकेश कुमार

शीतल देवील के साथ आर्चरी में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले राकेश कुमरा को रीढ़ की हड्डी में चोट लगी थी। 2009 में वह ठीक हुए तो उन्हें जीवन भर व्हीलचेयर पर रहने की सलाह दी गई।

नित्या श्री

नित्या ने बैडमिंटन में ब्रॉन्ज मेडल जीता। मिडिकल क्लास फैमिली में जन्म लेने वाली नित्या बैडमिंटन नहीं क्रिकेट को अपनाना चाहती थीं। 

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